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सनातन स्वाभिमान सभा (ट्रस्ट)

~_वैदिक गौरव का एक नया सवेरा!_~

आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम अपनी जड़ों से कटा हुआ महसूस करते हैं?

क्या आपको लगता है कि समाज में बढ़ती नैतिक गिरावट, मानसिक अशांति और दूरियां हमें भीतर से खोखला कर रही हैं?

सनातन स्वाभिमान सभा इन चुनौतियों का समाधान वैदिक संस्कृति और संस्कारों के शाश्वत ज्ञान में देखती है।

हम सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि एक आंदोलन हैं –

वैदिक ज्ञान को आज के भौतिकतावादी जीवन को अध्यतमवादी जीवन से जोड़ने का एक भव्य प्रयास!

क्यों है सनातन स्वाभिमान सभा समय की पुकार?

हमारा मानना है कि व्यक्तिगत प्रयास महत्वपूर्ण हैं, लेकिन बड़े और स्थायी बदलाव के लिए एक संगठित प्रयास और दूरदर्शी दृष्टिकोण ही एकमात्र रास्ता है। हमारी संस्था इसी उद्देश्य के साथ काम कर रही है:

संस्कार एवं संस्कृति से युक्त ज्ञान की नींव :

वैदिक ज्ञान अनंत है, लेकिन इसे समझना अत्यंत कठिन हो सकता है। हम इस प्राचीन विद्या को एक सरल, क्रमबद्ध पाठ्यक्रम के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। योग्य गुरुओं, आचार्यों के मार्गदर्शन में, एक संरचित माहौल में, जहाँ हर कोई इस ज्ञान को आसानी से समझ सके और अपने जीवन में उतार सके। यही प्रयास कर रहे हैं!

बाल एवं युवा पीढ़ी के मन में वैदिक बीज :

हम आज की पीढ़ी को वैदिक संस्कृति के ज्ञान से परिचित कराना चाहते हैं। हम सिर्फ उपदेश से नहीं, अपितु जागरूकता अभियान, इंटरैक्टिव कार्यशालाएं, ज्ञानवर्धक संगोष्ठियां और प्रेरक व्याख्यान आयोजित करेंगे। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमारी सक्रिय उपस्थिति सुनिश्चित करेगी कि वैदिक संस्कृति हर बालक एवं युवा तक पहुँचे, उनके जीवन को प्रकाशित करे।

ज्ञान का संरक्षण और नवोन्मेष:

वैदिक ग्रंथ केवल अतीत के अवशेष नहीं, बल्कि भविष्य के लिए दिशा-निर्देश हैं। हम अनुसंधानपूर्ण परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे ताकि उनके वैज्ञानिक और सामाजिक महत्व को आधुनिक संदर्भ में समझा जा सके। हमारा लक्ष्य प्राचीन ज्ञान को न केवल संरक्षित करना है, बल्कि उसे आज की चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रासंगिक बनाना भी है।

एकता का सूत्र:

संस्कार हमें व्यक्तिगत रूप से सशक्त करते हैं, लेकिन वे हमें समाज से भी जोड़ते हैं। सनातन स्वाभिमान सभा ऐसे कार्यक्रम और आयोजन करेगी जो लोगों को एक साथ लाएंगे, सामुदायिक भावना को मजबूत करेंगे और वैदिक जीवनशैली अपनाने वालों के लिए एक सहायक वातावरण बनाएंगे। एक ऐसे समाज का निर्माण जहाँ हर कोई एक-दूसरे का सहारा हो!

संसाधनों का महा-संगम:

इस विशाल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वित्तीय, मानवीय और भौतिक संसाधनों की आवश्यकता होगी। हम इन संसाधनों को एकत्र करेंगे और उनका प्रभावी ढंग से उपयोग करेंगे ताकि हमारा प्रयास अधिकतम हो सके। हर योगदान एक बेहतर भविष्य की ओर एक कदम होगा।

सभी सामाजिक समस्याओं का वैदिक एवं शास्त्रीय समाधान:

तनाव, नैतिक पतन और पारिवारिक विघटन, नशा – आज की गंभीर समस्याएं हैं। हम वैदिक सिद्धांतों को आधार बनाकर, इन समस्याओं के लिए समाधान-उन्मुख कार्यक्रम विकसित करेंगे। हम एक ऐसा मार्ग प्रदान करेंगे जो मानसिक शांति, नैतिक उत्थान और पारिवारिक सामंजस्य की ओर ले जाए।

सनातन स्वाभिमान सभा एक पुल का निर्माण कर रही है – प्राचीन ज्ञान को आधुनिक जीवन से जोड़ते हुए, एक अधिक सामंजस्यपूर्ण और संतुलित समाज का निर्माण कर रही है।

हमारा दृष्टिकोण

हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहाँ वैदिक विरासत हर घर और हर दिल में जीवंत हो। हमारा लक्ष्य है —

  • 🤍
    एक संतुलित, संस्कारी और सशक्त समाज का निर्माण, जहाँ हर व्यक्ति अपनी संस्कृति पर गर्व करे और आत्मसम्मान के साथ जीवन जिए।
  • 🤍
    प्राचीन वैदिक ज्ञान को आधुनिक जीवन से जोड़कर, भावी पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल मार्ग प्रशस्त करना।
  • 🤍
    आइए, सनातन स्वाभिमान सभा के इस मिशन में हमारे साथ कदम से कदम मिलाएँ और अपने गौरवपूर्ण अतीत को अपने वर्तमान और भविष्य में पुनः स्थापित करें।

हमारा मिशन

  • वैदिक ज्ञान और संस्कृति का सरल, संरचित रूप में प्रचार-प्रसार करना।
  • बालकों और युवाओं में वैदिक संस्कारों की चेतना जगाना।
  • मंदिरों को जीवंत सामुदायिक एवं वैदिक केंद्रों के रूप में विकसित करना।
  • बुजुर्गों को सम्मान और सक्रिय भागीदारी का मंच प्रदान करना।
  • समाज में नैतिक उत्थान, मानसिक शांति और पारिवारिक सामंजस्य को प्रोत्साहित करना।
  • वैदिक सिद्धांतों के आधार पर तनाव, नशा, और पारिवारिक विघटन जैसी सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु कार्यक्रम विकसित करना।

सनातन स्वाभिमान सभा (ट्रस्ट) के मुख्य मूल

1. वैदिक ज्ञान का सम्मान और प्रचार

हम प्राचीन वेदों, शास्त्रों और संस्कृति को आधुनिक जीवन से जोड़ने के लिए समर्पित हैं।

2. समरसता और एकता

समाज के सभी वर्गों को जोड़कर एक समरस, संगठित और सहयोगी वातावरण बनाना हमारा ध्येय है।

3. संस्कारों की नींव पर सशक्त समाज

हम बच्चों व युवाओं में नैतिक मूल्यों और संस्कारों को रोपकर भविष्य के लिए मजबूत समाज की तैयारी कर रहे हैं।।

4. बुजुर्गों का सम्मान, बच्चों का उत्थान

पीढ़ियों को जोड़कर, बुजुर्गों को मार्गदर्शक व बच्चों को सीखने का अवसर देना हमारे प्रयासों का केंद्र है।

4. सेवा और जिम्मेदारी

सेवा की भावना और सामाजिक जिम्मेदारी हमारे हर कार्य की आत्मा है।

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